प्राण सुधा के फायदे । Pransudha uses in hindi । गर्मी में ''प्राण सुधा'' है ''नींबू पानी'', इसके फायदे जानकर रह जाएंगे हैरान

प्राण सुधा के फायदे । Pransudha uses in hindi ।गर्मी में ''प्राण सुधा'' है ''नींबू पानी'', इसके फायदे जानकर रह जाएंगे हैरान

प्राण सुधा के फायदे । Pransudha uses in hindi ।गर्मी में ''प्राण सुधा'' है ''नींबू पानी'', इसके फायदे जानकर रह जाएंगे हैरान

प्राण सुधा-हाजिर जवाब घरेलू दवा आज की इस आर्टिकल में हम जानेंगे प्राण सुधा के फायदे प्राण सुधा पीने से हमारे शरीर में क्या-क्या फायदे होते हैं।


घरेलू रोग नाशक दवा-इस छोटी सी दवा से कहीं प्रकार का शारीरिक समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
प्राण सुधा मिल रोग के कीटाणु नाशक सक्ती है
इसीलिए किसी रोग में लगाने और किसी रोग में पिलाने से लाभ होता है जिस तरह और जहां काम पड़ जाए हर समय प्राण सुधा का प्रयोग करके लाभ उठाएं

प्राण सुधा किन किन समस्याओं में काम में लिया जाता है हम जानेंगे नीचे मैंने प्राण सुधा से मिटने वाले लोगों को मिटाने के तरीके बताएं उनको जरूर पढ़ें।


पेट दर्द-गोला, गैस उठना, पेट फूलना, वायु रुकना आदि में 10 बूंद प्राण सुधा गर्म पानी में देने से तुरंत आराम होता है। डकार और अपान वायु द्वारा गैस का जोर हट जाता है। अगर इस गर्म पानी में एक चुटकी खाने का सोडा भी मिला दिया जाए तो जल्द लाभ होता है।

उल्टी के दस्त, सफेद दस्त होना, हाथ पैरों में तनाव पेट दर्द, पेशाब रुक ना आदि हैजा जैसी शिकायतें हो तो प्राण सुधा 5 से 10 बूंद तक शक्कर या पत्तासे में डालकर 15:15 मिनट में दो तीन खुराक दे दे, फिर आधे आधे घंटे से एक एक खुराक देते रहें इससे प्राय: रोग के सब कीटाणु नष्ट होकर रोगियों को शांति मिलती है

अजीर्ण-बदहजमी, खट्टी डकार, गुड गुडाहट, उल्टी का होना, पतले दस्त आदि में, पांच बूंद गर्म पानी में मिलाकर पीने से शरीर में आराम मिलता है।

मन्दाग्नि-भूख ना लगने, खाने की रुचि ना होना आदि में प्राण सुधा पांच बूंद भोजन के आधे घंटे पहले कुछ दिन लेना चाहिए।

चक्कर आना - जी घबराना, उबकाई आना, जहाज, नाउ, मोटरिया रेल के सफ़र से चक्कर आने, उल्टी होना आदि में 5 बूंद ताजे पानी में देना चाहिए।

पेचिश- पेट में दर्द होकर दस्त आन, पांच बूंद प्राण सुधा ठंडे पानी में या दही में दिन में 3 बार देना चाहिए।
केवल दही चावल खिलाया जाए और गुड़ शक्कर बिल्कुल बंद रखें।

खांसी जुखाम-नजला, गला बैठना आदि में, 4,5 ढूंढ प्राण सुधा पान के बीड़े में डालकर चबाऐ।
रात को 5 बूंद चाय में लेकर सो जाना चाहिए।

सर्दी बुखार-तुलसी के 10 ,15 पत्ती व 5 काली मिर्च पीसकर चाय की तरफ पानी में उबाल कर इसमें 5 बूंद प्राण सुदा मिलाकर दिन में 2,3 बार लेने से कहीं प्रकार के बुखार में लाभ होता है साथ ही प्राण सुधा जल एक छोटा चम्मच दिन में चार पांच बार देवें तो रोगी को बहुत शांति मिलती है। घबराहट कम होती है वह आराम भी होता है

बच्चों के लिए प्राण सुधा जल- 50 ग्राम ताजा पानी 10 बूंद प्राण सुधा मिलाकर 1 सीसी में भरकर रख लें, बच्चों के हरे पीले दस्त, दूध पटकना, हजम ना होना, पीठ दर्द, खांसी बुखार, सर्दी, बुखार आदि हर छोटी मोटी शिकायतों में यह प्राण सुधा जल एक छोटी चम्मच दिल में दो-तीन बार देव। दवा देते समय सीसी को खूब किला लिया करें।

लू लगना- लू से बेचैनी होती है, इसमें 10 बूंद प्राण सुधा शक्कर के शरबत में पिलावे और प्राण सुधा जल में रुमाल भिगोकर सर पर रख दे।

दमा-दमा का दोरा उठे और सांस लेने में कष्ट हो तो 6 बूंद प्राण सुधा गर्म पानी में दें।

बवासीर-बादी के फूलते हुए मस्सों पर कुछ बूंद प्राण सुदामा दें और सुबह शाम 5 बूंद पानी में लिया करें।

प्राण सुदा मलम - 10 ग्राम घी या वैसलीन मैं 3 ग्राम प्राण सुधा मिलाने से मलम बन जाता है। घाव फोड़े-फुंसी फुंसी, गंज, एडी फटना, पैर की उंगलियों के बीच खारवे, सूजन आदि पर लगावे।

सिरदर्द- प्राण सुधा की कुछ बूंदे कपाल पर मले और रुमाल पर डालकर सुनते रहे।

शारीरिक दर्द-सूजन, चोट मोच, जोड़ों का दर्द, भाभी का दर्द आदि के लिए प्राण सुधा वैसे ही मलै या मिट्टी के तेल या तारपीन के तेल में बराबरी से मिलाकर मले और दर्द की जगह से कले।

कान दर्द-एक बूंद कान में टपका दें, कान में पीप आता हो तो प्राण सुधा जल से कान धो कर फिर 1 बूंद प्राण सुधा कान में टपका दे।

दाढ़: मसूड़े फूलना, प्राण सुधा में रूई भिगोकर दाढ़ पर रख दे।

बिच्छू -ततैया आदि के विषैले डंक प्राण सुधा मल दे और उस पर रूई तर करके रख दे। विष का जोर हार्दिक हो तो 40 ग्राम पिघले हुए घी में 10 बूंद प्राण सुधा डालकर पिला दे।

कामसुधा की मात्रा:-(खुराक) 1 वर्ष तक के बच्चे को 1  बूंद, 6 वर्ष तक 2 बूंद पिलाई, 14 वर्ष तक 4 बूंद पिलाई
और बड़ी उम्र वाली 6 बूंद ताजे पानी में पिलानी चाहिए,
रोगी और रोग का जोर देखकर यह मात्रा दुगनी यदि और बडा सकते हैं।
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